Corporation Kya Hota Hai (निगम क्या है हिंदी में जानकारी) : व्यापार और बिजनेस के क्षेत्र में आपने कॉर्पोरेशन का नाम जरुर सुना होगा। क्या आप जानते हैं कि यह कॉर्पोरेशन क्या होता है? या Corporation का अर्थ क्या है? आपको बता दें कि बिजनेस की दुनिया में यह एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
इसका अर्थ व्यापारिक संगठन होता है जिसमें कई सारे घटक शामिल होते हैं शायद आप जानते होंगे कि इसकी स्थापना कंपनियों और शेयर धारकों द्वारा व्यवसाय से संबंधित विकास और उसके अंतर्गत गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
तो आज हम आपको कॉर्पोरेशन से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। अगर आप जानना चाहते हैं कि Corporation Kya Hota Hai, कॉर्पोरेशन की परिभाषा क्या है (Corporation Meaning in Hindi), इसका क्या महत्व होता है, तो इस आर्टिकल में आपको इनसे संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी। आज हम आपको कॉर्पोरेशन का अर्थ विस्तार से समझायेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं।
Corporation Kya Hota Hai Full Details
पोस्ट का नाम | Corporation क्या होता है? जानें कॉर्पोरेशन से जुड़ी सारी जानकारी |
विषय | Corporation क्या होता है? |
हिंदी में क्या कहते हैं | निगम |
परिभाषा | एक ऐसी कानूनी संरचना जो किसी बड़ी कंपनी या कंपनियों के समूह को एक साथ नियंत्रित करने का कार्य करती है। |
कार्य | एक निगम का कार्य विभिन्न उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करके वितरण करना है जिससे सभी ग्राहकों की आवश्यकता पूरी की जा सके। |
प्रकार | संगठन के अधिकार संरचना और उनके उद्देश्य के आधार पर इन्हें अलग-अलग वर्गों में रखा गया है। |
कॉर्पोरेशन क्या होता है (Corporation Kya Hota Hai)
जैसा कि हमने आपको बताया कि कॉर्पोरेशन व्यापार और बिजनेस के क्षेत्र से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण घटक है, इसका अर्थ व्यापारिक संगठन होता है जो कंपनियों और शेयर धारकों द्वारा व्यवसाय से संबंधित विकास और उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
कॉर्पोरेशन का हिंदी मीनिंग (Corporation Meaning in Hindi) निगम होता है जो एक लीगल संरचना होती है। यह किसी बड़ी कंपनी या कंपनियों के समूह को एक साथ नियंत्रित करने का काम करती है और विभिन्न उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करके ग्राहकों की आवश्यकताएं पूरी करती है।
यदि हम कॉर्पोरेशन की परिभाषा (निगम का अर्थ) की बात करें, तो इसे कुछ इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है – “कॉर्पोरेशन वह संगठन है जो स्वतंत्र रूप से एक साथ कई कंपनी के समूह को नियंत्रित करता है, उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करता है और उसका वितरण करता है।
इसे कानूनी रूप से एक अलग व्यक्ति की मान्यता दी जाती है, यह मालिकों और शेयर होल्डर से अलग होता है और इसे अपने संस्थापक सदस्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कॉर्पोरेशन का उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करना है”।
कॉर्पोरेशन का कार्य | Function of corporation
जैसा कि हमने आपको बताया कि Corporation उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करता है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाता है। कॉर्पोरेशन का संचालन उनके संस्थापक सदस्यों द्वारा किया जाता है, यह अपने आप में एक अधिकारी होता है और जिम्मेदारियां के साथ एक विशिष्ट भूमिका निभाता है।कानून की दृष्टि में इसके सदस्यों को अलग रूप में देखा जाता है।
यह एक लीगल अर्थात कानूनी संरचना है जो किसी बड़ी कंपनी या कंपनियों के समूह को नियंत्रित करती है। एक निगम के तहत विभिन्न पार्टियां या कंपनियां एक साथ आती है और एक साथ कार्य करते हुए अधिकतम लाभ के लिए विभिन्न कंपनियों को पूंजी, श्रम और विशेषज्ञता प्रदान करती है।
कॉर्पोरेशन के घटक | Components of a Corporation
इतना तो आप समझ ही गए होंगे कि कॉर्पोरेशन क्या होता है। हमने आपको बताया कि कॉर्पोरेशन में इसके संस्थापक सदस्य होते हैं और इस महत्वपूर्ण घटक के अंतर्गत और भी कई महत्वपूर्ण घटक शामिल है। एक निगम में विभिन्न प्रकार के घटक होते हैं जो कारपोरेशन के संचालन के लिए आवश्यक होते हैं।
इन घटकों में निवेशक, शेयर धारक, ग्राहक, आपूर्ति कर्ता, कर्मचारी, सरकार, लेनदार और अंततः समुदाय शामिल है। ये सभी मिलकर ही एक कॉर्पोरेशन का निर्माण करते हैं और उनके बिना एक कॉर्पोरेशन सुचारू रूप से कार्य नहीं कर सकता है।
कॉर्पोरेशन का महत्व क्या है | Importance of Corporation
व्यापार और बिजनेस की दुनिया में आर्थिक विकास के लिए निगम महत्वपूर्ण कार्य करता है। यही वह माध्यम है जिससे उद्यमियों और निवेशकों को आवश्यक संसाधन और पूंजी प्राप्त होती है जिससे वे अपने बिजनेस का विकास करने में सक्षम होते हैं।
इन्हीं के जरिए वे उच्चतर स्तर पर व्यवसाय की शुरुआत कर पाते हैं। कॉर्पोरेशन रोजगार के अवसर भी विकसित करते हैं और समाज के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है। कॉर्पोरेशन अर्थात निगम धार्मिक और कानूनी कर्तव्यों का पालन तो करते ही है, साथ ही सामाजिक और पर्यावरण मामले में भी जिम्मेदारी निभाते हैं।
Corporation (निगम) का होना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि समाज के सही विकास के लिए वे उच्चतम दर्जे के नैतिक और आदर्श मानकों का पालन करते हैं। इसी के तहत विविध कंपनियों के समूह कार्य करते हैं और देश की इकोनॉमी को आगे बढ़ाने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कॉर्पोरेशन कितने प्रकार के होते हैं? | Types Of Corporation
आर्टिकल की शुरुआत में ही आपने जान लिया है कि संगठन के अधिकार, संरचना और उनके उद्देश्य के आधार पर कॉर्पोरेशन को विभिन्न भागों में बांटा गया है। मुख्य रूप से कॉर्पोरेशन चार प्रकार के होते हैं जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है –
1. Private Corporation
Private Corporation वे निगम संस्थाएं होती है जिनके ऊपर व्यक्तिगत लोगों के अधिकार होते हैं और उनका उद्देश्य व्यापार और व्यवसाय के माध्यम से व्यक्तिगत लाभ कमाना होता है। इस कारपोरेशन के अंतर्गत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, टाटा अडानी जैसे प्राइवेट सेक्टर जुड़े हुए हैं।
2. Government Corporation
ऐसे Corporation जिनका कार्यान्वयन पूर्ण रूप से सरकार के द्वारा होता है और जिनका उद्देश्य व्यापार से लाभ कमाना नहीं होता वे गवर्नमेंट कारपोरेशन के तहत आते हैं। उदाहरण के लिए म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को पूरी तरह से गवर्नमेंट के द्वारा चलाया जाता है।
3. Private or Government Corporation
ऐसे निगम जो गवर्नमेंट के अंदर काम करते हैं लेकिन इन्हें अन्य संस्थाओं की भांति व्यापार और व्यवसाय के रूप में संचालित किया जाता है, वे प्राइवेट और गवर्नमेंट कारपोरेशन के तहत आते हैं। इन्हें सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है लेकिन उनमें शेयर धारक अन्य व्यक्ति हो सकते हैं। उदाहरण के लिए लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन एलटीडी, ट्रांसपोर्टेशन कॉर्पोरेशन और इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन आदि प्राइवेट और गवर्नमेंट कॉर्पोरेशन सेक्टर के तहत शामिल है।
4. Non Profitable Corporation
ऐसे कारपोरेशन जिनका उद्देश्य किसी धार्मिक, शैक्षणिक या सामाजिक कार्यों से जुड़ा होता है वे नॉन प्रॉफिटेबल कारपोरेशन के अंतर्गत आते हैं। इनका उद्देश्य व्यापार करना नहीं होता है। Reliance Foundation और Tata Foundation कुछ Non Profitable Corporation के उदाहरण हैं।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1. कॉर्पोरेशन का क्या मतलब होता है?
Corporation एक ऐसी इकाई है जो स्वतंत्र रूप से कार्य करती है। इसके तहत विभिन्न कंपनी या कंपनियों के समूह आते हैं जिन्हें निगम द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कॉर्पोरेशन का हिंदी मीनिंग निगम से है जो बड़ी कंपनियों से जुड़ी होती है।
प्रश्न 2. कॉर्पोरेशन की परिभाषा क्या है?
कॉर्पोरेशन का अर्थ निगम होता है। यह एक विशेषाधिकार प्राप्त स्वतंत्रत कानूनी इकाई है जिसे अलग संस्था के रूप में पहचाना जाता है। इसके पास अपने सदस्यों से पृथक अधिकारी और दायित्व होते हैं। कॉर्पोरेशन उत्पादों और सेवाओं का निर्माण करके ग्राहकों की आवश्यकता पूरी करने का कार्य करता है।
प्रश्न 3. कॉर्पोरेशन कंपनी कैसे काम करती है?
कॉर्पोरेशन कंपनी विभिन्न प्रकार की होती है जिनका मुख्य उद्देश्य व्यापार करना होता है। कुछ कॉर्पोरेशन लाभ कमाने का कार्य करते हैं तो कुछ का उद्देश्य धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक कार्यों को पूरा करना होता है। कॉर्पोरेशन कंपनी को एक साथ नियंत्रित करती है और उन्हें आवश्यक संसाधन एवं पूंजी प्रदान करने का कार्य करती है।
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