Doji Candlestick Pattern in Hindi: ट्रेडिंग के क्षेत्र में कैंडलेस्टिक पैटर्न एक महत्वपूर्ण विश्लेषण टूल है जिसकी सहायता से आप इक्विटी, फॉरेक्स, करंसी, कमोडिटी ट्रेडिंग आदि प्राइस के उतार-चढ़ाव पर नजर रख सकते हैं। Candlestick Chart लॉन्ग टर्म ट्रेडर्स और इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण फाइनेंशियल टूल है जिसमें ओपन, क्लोज, हाई और लो वैल्यू वाले डाटा सेट का उपयोग करके चार्ट का निर्माण किया जाता है। यह चार्ट ट्रेडिंग स्टॉक की चार प्रमुख कीमतों को दर्शाता है।
आज हम आपको कैंडल स्टिक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देने वाले हैं। आज का यह आर्टिकल Doji Candlestick Pattern In Hindi के बारे में है जहां हम आपको डोजी कैंडलेस्टिक पैटर्न क्या है और इससे संबंधित सारी जानकारी आपको उपलब्ध कराएंगे। सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपको इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक तक पढ़ना होगा।
Doji Candlestick Pattern क्या है?
अगर आप एक ट्रेडर है तो आपको कैंडलेस्टिक पैटर्न के बारे में जरूर पता होगा, इसका आकार एक मोमबत्ती की तरह होता है जिसके ओपन और क्लोज डाटा का मूल्यांकन करके ट्रेड किया जाता है। इसी के अंतर्गत Doji Candlestick Pattern का महत्वपूर्ण स्थान है। जब किसी कैंडल का ओपन तथा क्लोज एक समान या लगभग एक समान होता है तो इस प्रकार के कैंडल को डोजी कैंडल कहा जाता है।
इस प्रकार के कैंडल की बॉडी नहीं होती है। हालांकि इस प्रकार के कैंडल में बाजार ओपन होने के बाद खरीदारी या बिकवाली होती है पर बाजार के बंद होने के समय इसका क्लोजिंग प्राइस और ओपन प्राइज एक समान या लगभग एक लेवल पर बंद होता है, इसकी वजह से इस कैंडल की बॉडी नहीं होती पर शैडो बनती है। मुख्य तौर पर Candlestick Pattern दो प्रकार के होते हैं जो की निम्नलिखित है –
# एकल कैंडल स्टिक पैटर्न (single candle stick pattern)
जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है, इस तरह के कैंडलेस्टिक पैटर्न का निर्माण एक कैंडल के माध्यम से होता है, इसलिए इसे एकल कैंडलेस्टिक पैटर्न कहा जाता है।
# डबल कैंडल स्टिक पैटर्न (double candle stick pattern)
इस तरह के कैंडलेस्टिक पैटर्न का निर्माण दो कैंडल के माध्यम से होता है, इसलिए इसे डबल कैंडलेस्टिक पैटर्न कहा जाता है।
डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग
जब किसी ट्रेंड के टॉप पर या बॉटम पर डोजी कैंडल बनता है तो इसे Doji Candlestick Pattern कहा जाता है। यह ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न होते हैं जो डाउन ट्रेंड के बॉटम पर बनने पर शेयर की चाल को अप ट्रेंड में और अप ट्रेंड के टॉप पर बनने पर शेयर की चाल को डाउन ट्रेंड में बदल देते हैं।
Doji Candlestick Pattern के कितने प्रकार हैं?
Doji Candlestick Pattern In Hindi में अब हम बात करेंगे Doji Candlestick Pattern के प्रकार की जो आकार के आधार पर मुख्यतः 5 प्रकार के होते हैं –
#1. स्टैण्डर्ड डोजी कैंडल (Standard Doji Candle)
मानक डोजी कैंडल का निर्माण तब होता है डोजी कैंडल में अपर शैडो और लोअर शैडो एक समान होते हैं। इसका आकार + के निशान के जैसा होता है। इस स्थिति में शेयर अपने ओपन प्राइज से ऊपर और नीचे दोनों तरफ ट्रेड करता है जिसके कारण शैडो का निर्माण होता है।
जब किसी Standard Doji Candle का निर्माण उसके रेजिस्टेंस के लेवल पर हो तब ट्रेंड रिवर्स होकर डाउन ट्रेंड पर बदल जाता है। वही जब इस पैटर्न का निर्माण शेयर के सपोर्ट लेवल पर हो तो ट्रेंड रिवर्स होकर Up Trend में बदल जाता है। कोई भी ट्रेडर्स अपनी स्ट्रेटजी के अनुसार ट्रेड करके इस पैटर्न के प्रयोग से बड़ा लाभ कमा सकते हैं।
#2. लॉन्ग लेग्गड़ डोजी कैंडल (Long Legged Doji Candle)
इस डोजी कैंडल की बॉडी ऊपर तथा एक लंबी सी शैडो नीचे की तरफ बनती है इसलिए इसे Long Legged Doji Candle कहा जाता है। इस कैंडल में अपर शैडो नीचे की शैडो की तुलना में बहुत छोटी होती है।
इस प्रकार के कैंडल का निर्माण उस समय होता है जब किसी कंपनी के शेयर में बड़ी बिकवाली की जाती है और बुल्स खरीदारी करने के कारण शेयर अपने ओपन कीमत से भी ऊपर निकलने के बाद वापस ओपन प्राइस के आस- पास क्लोज होता है।
इसका निर्माण तब होता है जब शेयर अपने रेजिस्टेंस के लेवल पर भी मजबूती दिखाता है, यह पैटर्न डोजी कैंडल चार्ट में मजबूती का संकेत देता है।
#3. ड्रैगनफ्लाई डोजी कैंडल (Dragonfly Doji Candle)
जब डोजी कैंडल में बॉडी बिल्कुल टॉप पर और उसकी पूंछ बड़ी तथा नीचे की ओर हो तो इस प्रकार के कैंडल को ड्रैगनफ्लाई दोजी कैंडल कहते हैं। इसका आकार ड्रैगनफ्लाई जैसे होता है इस कारण इसे यह नाम दिया गया है। यह सामान्यतः शेयर के सपोर्ट पर होता है जो कि अच्छा सूचक है। जब शेयर अपने रेजिस्टेंस के लेवल पर हो और शेयर को मजबूती दिखाए तब इसका निर्माण होता है।
#4. ग्रेवस्टोन डोजी कैंडल (Gravestone Doji Candle)
जब किसी डोजी कैंडल का निर्माण ऐसा हो कि उसकी बॉडी नीचे और उसकी शैडो ऊपर की साइड में बने तो इस प्रकार के कैंडल को ग्रेव स्टोन डोजी कैंडल कहते हैं। इसका निर्माण चार्ट टॉप पर या उसके रेजिस्टेंस लेवल पर होता है। जब कोई शेयर अपने टॉप पर हो या रेजिस्टेंस के लेवल के आस-पास हो तब बाजार के खुलने के बाद बुल्स खरीदारी करके शेयर ऊपर ले जाया जा सकता है।
लेकिन ऊपर जाने के बाद बीयर्स एक्टिव हो जाते हैं और बिकवाली शुरू हो जाती है, इस वजह से शेयर की कीमत वापस ओपन प्राइस के आस- पास आ जाती है और इस कैंडल का निर्माण होता है जिसे मंदी का सूचक कहा जाता है।
#5. चार मूल्य डोजी कैंडल (Four Price Doji Candle)
चार मूल्य डोजी कैंडल में शेयर का चारों प्राइस यानी ओपन, क्लोज, हाई और Low एक समान होते हैं तब इस कैंडल का निर्माण होता है। जब शेयर में खरीदारी या बिकवाली ना हो रही हो या जिस कीमत पर कंपनी का शेयर ओपन हुआ है उसी कीमत पर खरीदार खरीदारी कर रहे हो और उसी कीमत पर बीयर्स बिकवाली कर रहे हो, तो इस प्रकार के कैंडल का निर्माण होता है।
यह कैंडल तेजी या मंदी का सूचक होता है। इसका निर्माण शेयर चार्ट के टॉप पर या बॉटम पर कहीं भी हो सकता है। ये ट्रेंड के रिवर्स होने का संकेत भी देते हैं। अगर शेयर Up Trend में है तो इस कैंडल के निर्माण के बाद शेयर डाउन ट्रेंड में चला जाता है और यदि शेयर डाउन ट्रेंड में है तो इस कैंडल के निर्माण के बाद शेयर का ट्रेंड बदलकर अप ट्रेंड हो सकता है।
चार्ट में डोजी कैंडल को पहचानने का तरीका
किसी भी चार्ट में Doji Candle को पहचानना जरूरी होता है। अगर कोई शेयर अप ट्रेंड या डाउन ट्रेंड में ट्रेड कर रहा है तब अगर उनके टॉप पर या बॉटम पर कोई ऐसी कैंडल का निर्माण होता है जिसकी बॉडी बहुत छोटी हो तो यह एक डोजी कैंडल है जो कि ट्रेंड के रिवर्स होने का संकेत दे रहा है।
Doji Candlestick Pattern में ट्रेड कब लें?
हम आपको बता दें की Doji Candle में आप दो प्रकार से ट्रेड ले सकते हैं –
#1. जब डोजी कैंडल का निर्माण चार्ट के टॉप पर या रेजिस्टेंस पर हो
जब किसी शेयर चार्ट के टॉप पर या बॉटम पर Doji कैंडल बन रहा है तो यह मंडी का संकेत है और जब इस कैंडल का निर्माण होता है तो सारे ट्रेडर्स एक्टिव हो जाते हैं। यदि इस Doji Candle के बाद जो बेयरिश कैंडल बनती है,
वह है Doji Candle के हाई को ब्रेक नहीं करती तो Doji Candlestick Pattern का कंफर्मेशन मिल जाता है और उस समय जैसे ही बुलिश कैंडल का Low द्वारा Candlestick का हाई ब्रेक हो तब ट्रेडर्स बिकवाली में ट्रेड कर सकते हैं।
#2. जब डोजी कैंडल का निर्माण चार्ट के बॉटम पर या सपोर्ट पर हो
जब Doji Candle किसी शेयर चार्ट के बॉटम पर या उसके सपोर्ट के लेवल के आस- पास बनता है तो ट्रेंड के रिवर्स या पॉजिटिव ट्रेड का संकेत मिलता है। इस बॉटम में बने Doji कैंडल के बाद ऐसी बुलिश कैंडल बनती है।
जो डोजी कैंडल के Low को ब्रेक नहीं करती तब डोजी कैंडलेस्टिक पैटर्न का कंफर्मेशन मिलता है। इस स्थिति में ट्रेडर्स उस समय खरीदारी में अपना ट्रेड ले सकते हैं जब बुलिश कैंडल के बाद बनने वाली कैंडल बुलिश कैंडल के हाई को ब्रेक करती है।
डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न में टार्गेट कैसे सेट करें?
जब डोजी कैंडलेस्टिक पैटर्न का निर्माण चार्ट के टॉप पर हो तो उस समय ट्रेडर को अपना टारगेट Doji Candlestick Pattern के हाई तथा एंट्री पॉइंट के अंतर जितना लगाना चाहिए और अगर कैंडलेस्टिक पैटर्न का निर्माण डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बॉटम पर हो तब टारगेट एंट्री पॉइंट और डोजी कैंडल के Low के अंतर जितना लगाना चाहिए।
इसके अलावा बड़ी मात्रा में ट्रेड करने के लिए आपको 50% प्रॉफिट बुक करके चलना चाहिए तथा शेष को होल्ड करना चाहिए। इसके बाद शेयर के चार्ट पर अपनी नजर बनाए रखनी चाहिए। जब चार्ट के छोटे टाइम फ्रेम पर कोई ट्रेड रिवर्सल पैटर्न दिखाई दे तब ट्रेड से एग्जिट कर लाभ को बुक कर लेना चाहिए।
Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको Doji Candlestick Pattern in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है। उम्मीद करता हूं कि आज का यह आर्टिकल पढ़कर आपको दोजी कैंडल स्टिक पैटर्न के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो गई होगी।
FAQs Doji Candlestick Pattern in Hindi
प्रश्न 1. Long Legged Doji Candle किसकी ओर संकेत करता है?
Long Legged Doji Candle शेयर चार्ट पर अपने रेजिस्टेंस के लेवल पर मजबूती दिखाता है, यह पैटर्न डोजी कैंडल चार्ट में मजबूती का संकेत देता है।
प्रश्न 2. Doji Candle का क्या प्रयोग है?
डोजी कैंडल का प्रयोग शेयर चार्ट में ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न को समझने के लिए किया जाता है। ये पैटर्न डाउन ट्रेंड के बॉटम पर बनने पर शेयर की चाल को अप ट्रेंड में और अप ट्रेंड के टॉप पर बनने पर शेयर की चाल को डाउन ट्रेंड में बदल देते हैं।
प्रश्न 3. Candlestick Pattern क्या होते हैं?
कैंडलेस्टिक पैटर्न एक महत्वपूर्ण विश्लेषण टूल है जिसकी सहायता से इक्विटी, फॉरेक्स, करंसी, कमोडिटी ट्रेडिंग आदि प्राइस के उतार-चढ़ाव पर नजर रख सकते हैं और ओपन, क्लोज, हाई और लो जैसे डाटा ट्रेंड के माध्यम से चार्ट का निर्माण कर सकते हैं।